RPF Recruitment Apply : भारतीय रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में 12505 पदों पर 10वीं पास के लिए सीधी भर्ती
Railway Protection Force में विभिन्न पदों पर सरकारी नौकरी भर्ती हेतु जल्द अधिसूचना जारी किया जाएगा।जिसके लिए 10वीं और 12वीं पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।

विभाग का नाम :– Railway Protection Force
पद का नाम :– Constable
पद की शैक्षणिक योग्यता :–
- 10वीं पास
- 12वीं पास
- स्नातक पास
आयु सीमा :– 18 से 40 साल
कुल रिक्त पदों की संख्या :– 12505
वेतन ( Salary ) :- 23,000 हजार से 46,000 हजार तक
चयन प्रक्रिया :–
- Physical Test
- Medical Test
आवेदन करने की तिथि :–
- Up Coming
रेल मंत्रालय के सभी पदों से संबंधित संपूर्ण जानकरी
रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड)
अधिसूचना
राष्ट्रपति– संविधान के अनुच्छेद 309 के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रेल प्रबंधन सेवा समूह ‘क ‘में भर्ती की पद्धति का विनियमन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैं |
(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम भारतीय रेल प्रबंधन सेवा (समूह ‘क’) नियम, 2022 है।
(2) ये राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे।
परिभाषाएं. इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो
(क) ‘एसीसी से मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति अभिप्रेत है।
(ख) ‘आयोग’ से संघ लोक सेवा आयोग अभिप्रेत है।
(ग) ‘नियंत्रक प्राधिकारी से भारत सरकार का रेल मंत्रालय अभिप्रेत है।
(घ) विभागीय प्रोन्नति समिति, विभागीय पुष्टि समिति और विभागीय छानवीन समिति से अधिकारियों की प्रोन्नति, पुष्टि पर विचार करने और क्रमश अकृत्यिक उन्नयन और अकृत्यिक चयन श्रेणी प्रदान करने के लिए इन नियमों की अनुसूची-III के अनुसार किसी श्रेणी में गठित समितियां अभिप्रेत है।
( ड ) ड्यूटी पद से इन नियमों की अनुसूची-1 में वर्णित किसी श्रेणी का कोई भी पद अभिप्रेत है।
(च) ‘परीक्षा’ से संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा अभिप्रेत है।
(छ) ‘सरकार’ से भारत सरकार अभिप्रेत है।
(ज) ‘श्रेणी’ से अनुसूची-1 के कॉलम 2 में विनिर्दिष्ट ड्यूटी पदों की श्रेणियां अभिप्रेत है।
(झ) किसी श्रेणी के संबंध में ‘नियमित सेवा’ से उस श्रेणी के नियमों के अधीन उसका चयन और उसकी नियुक्ति के पश्चात् की गई सेवा की अवधि अभिप्रेत है और उसके अंतर्गत निम्नलिखित ऐसी अवधि भी है
- जो इन नियमों के प्रारंभ के समय पहले से ही श्रेणी में शामिल व्यक्तियों की दशा में वरिष्ठता के प्रयोजन के लिए हिसाब में ली गई:
- जिसके दौरान किसी अधिकारी ने उस श्रेणी में ड्यूटी पद धारण किया होता किंतु उसके छुट्टी पर होने के कारण अथवा अन्यथा ऐसे पद धारण करने के लिए उपलब्ध नहीं था।
(ञ) वेतन मैट्रिक्स में “स्तर” से रेल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2016 की अनुसूची के भाग क की तीसरी पंक्ति में विनिर्दिष्ट स्तर अभिप्रेत है।
(ट)”वेतन मैट्रिक्स से तत्स्थानी विद्यमान वेतन बैंड और ग्रेड वेतन या वेतनमान का ऊर्ध्वतः
कोष्ठकों में व्यवस्थित वेतन स्तर सहित रेल सेवाएं (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2016 की अनुसूची के भाग क में विनिर्दिष्ट मैट्रिक्स अभिप्रेत है।
(ठ) ‘अनुसूची’ से इन नियमों के साथ उपावद्ध अनुसूचियां अभिप्रेत है। ‘सेवा’ से भारतीय रेल प्रबंधन सेवा अभिप्रेत है, जिसमें इन नियमों की अनुसूची में वर्णित पद या श्रेणियां अथवा समयमान होंगे।
(ड) ‘अनुसूचित जातियों’, ‘अनुसूचित जनजातियों, ‘अन्य पिछड़ा वर्गों’, ‘आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) और ‘दिव्यांग जनों शब्दों का वही अर्थ होगा जो भारत के संविधान अथवा संसद अधिनियम में है।
सेवा का गठन.
- भारतीय रेल प्रबंधन सेवा के रूप में ज्ञात एक संगठित सेवा, जो नियम 6 के अधीन सेवा में नियुक्त व्यक्तियों से मिलकर बनेगा, इन सेवा नियमों की अधिसूचना के साथ गठित किया जाएगा।
- सेवा में सम्मिलित सभी पदों को समूह के पदों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
श्रेणियां, प्राधिकृत पदसंख्या और इसका पुनर्विलोकन. –
- इन नियमों के प्रारंभ की तारीख को ड्यूटी पद के पदनाम, वेतन मैट्रिक्स में स्तर, श्रेणिया, स्वीकृत पदसंख्या वे होंगे जो अनुसूची-1 में यथा-विनिर्दिष्ट हैं।
- उप नियम (1) में अंतर्विष्ट किसीवात के होते हुए भी सरकार समय-समय पर राजपत्र में अधिसूचना द्वारा
- अनुसूची-1 में विनिर्दिष्ट ड्यूटी पदों की संख्या, श्रेणी, पदनाम और वेतन मैट्रिक्स के स्तरमें परिवर्धन, परिवर्तन, प्रतिस्थापन या आशोधन कर सकती है;
- आयोग के परामर्श से, अनुसूची-1 में वर्णित सेवा में किसी भी ड्यूटी पद को शामिल या सेवा से किसी भी ड्यूटी पद को निकाल सकती है।
- आयोग के परामर्श से उचित श्रेणी पर खंड (ख) के अधीन सेवा में शामिल किसी भी ड्यूटी पद पर अधिकारी को नियुक्त कर सकती है।
सेवा के सदस्य –
निम्नलिखित व्यक्ति सेवा के सदस्य होंगे, अर्थात्
- नियम 4 के उप-नियम (2) के खंड (ग) के अधीन आने वाले व्यक्ति और
- नियम 6 के अधीन ड्यूटी पदों पर नियुक्त व्यक्ति
सेवा को भविष्य में बनाए रखना.
- इन नियमों के प्रारंभ के पश्चात् अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी भी श्रेणी में किसी भी रिक्ति को निम्नलिखित रीति से भरा जाएगा, अर्थात्:
- (क) कनिष्ठ समयमान श्रेणी रिक्तियों का 50% आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट शैक्षिक अर्हता और आयु सीमा के आधार पर आयोग के परामर्श से सीधी भर्ती द्वारा भरा जाएगा।
- कनिष्ठ समयमान में रिक्तियों का 50% अनुसूची-1 में विनिर्दिष्ट रीति द्वारा चयन के माध्यम से प्रोन्नति द्वारा भरा जाएगा।
(2) कनिष्ठ समयमान की श्रेणी में नियुक्ति आयोग के परामर्श से की जाएगी।
(3) सेवा के वरिष्ठ समयमान और उससे ऊपर की श्रेणियों में नियुक्ति अगली निम्रतर श्रेणी में न्यूनतम अर्हक सेवा रखने वाले अधिकारियों में से और अनुसूची में यथा विनिर्दिष्ट रीति द्वारा की जाएगी।
(4) प्रोन्नति के लिए अधिकारियों का चयन अकृत्यिक चयन श्रेणी के पद पर प्रोन्नति के मामले के सिवाय, जो अनुसूची-1 के अनुसार इस प्रयोजन के लिए गठित समिति की सिफारिश पर उपयुक्तता के अध्यधीन वरिष्ठता के आधार पर किया जाएगा।
(5) उप-नियम 3 के अधीन प्रत्येक मामले में चयन, शीर्ष, एचएजी+ और एचएजी पद के सिवाय, विभागीय प्रोन्नति समिति की सिफारिश पर किया जाएगा।
इन मामलों में चयन, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के अनुमोदन से समय-समय पर जारी इन पदों पर नियुक्ति करने के लिए अधिकारियों के चयन हेतु मानकों से संबंधित रेलवे बोर्ड के संकल्प द्वारा शासित होगा।
बरिष्ठता.
(1) सेवा की विभिन्न श्रेणियों में नियुक्त व्यक्तियों की वरिष्ठता और कनिष्ठ समयमान की श्रेणी में सीधी भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों तथा इन नियमों के प्रारंभ की तारीख पर तथा से कनिष्ठ समयमान में प्रोन्नत अधिकारियों के बीच परस्पर वरिष्ठता सरकार अथवा नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी वरिष्ठता संबंधी सामान्य आदेशों अथवा अनुदेशों के अनुसार अवधारित की जाएगी।
(2) वे मामले जो नियम 7 के उप-नियम (1) के अंतर्गत शामिल नहीं हैं, के लिए वरिष्ठता का अवधारण नियंत्रकप्राधिकारी द्वारा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग अथवा संघ लोक सेवा आयोग के परामर्श से किया जाएगा।
अन्य विभागों अथवा संगठनों में प्रतिनियुक्ति –
इन नियमों में अंतर्दिष्ट किसी बात के होते हुए भी इस सेवा में नियुक्त अधिकारी ऐसी प्रतिनियुक्ति के लिए समय-समय पर सरकार के अनुदेशों अथवा लागू आदेशों के अध्यधीन किसी अन्य केंद्रीय संगठन अथवा किसी राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र अथवा स्वायत्त निकायों अथवा सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों अथवा राज्य सरकारों अथवा किसी अन्य देश, जिसके साथ इस संबंध में सरकार अथवा राज्य सरकार ने लोकहित में करार किया हो, प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के लिए दायी होगा।
भारत के किसी भाग में सेवा करने का दायित्व
सेवा में नियुक्त अधिकारी भारत अथवा भारत से बाहर कहीं भी सेवा करने के लिए दायी होंगे।
परिवीक्षा.
कनिष्ठ समयमान में सीधी भर्ती द्वारा या तो प्रोन्नति द्वारा सेवा में नियुक्त प्रत्येक अधिकारी दो वर्ष की अवधि के लिए परिवीक्षाधीन होगा:
- परंतु यह कि नियंत्रक प्राधिकारी परिवीक्षा की अवधि को समय-समय पर सरकार द्वारा जारी आदेशों और अनुदेशों के अनुसार बड़ा सकेगा।
- परिवीक्षा की अवधि या उसमें किए गए विस्तार की समाप्ति पर यदि अधिकारी को स्थायी नियुक्ति के लिए उपयुक्त माना जाए तो उसे नियमित आधार पर उनकी नियुक्ति में रखा जाएगा और अधिष्ठायी रिक्ति उपलब्ध होने पर, जैसा भी मामला हो, यथासमय उनकी पुष्टि कर दी जाएगी।
- यदि परिवीक्षा की अवधि अथवा उसमें किए गए विस्तार के दौरान, जैसा भी मामला हो, सरकार की यह राय है कि अधिकारी स्थायी नियुक्ति के लिए उपयुक्त नहीं है तो सरकार उस अधिकारी को सेवोन्मुक्त कर सकती है अथवा इस सेवा में उसकी नियुक्ति से पूर्व उसके द्वारा धारित पद पर प्रतिवर्तित कर सकती है।
- परिवीक्षा की अवधि अथवा उसमें अन्य विस्तार के दौरान परिवीक्षा के संतोषजनक पूरा करने की शर्त के रूप में यदि सरकार उपयुक्त समझे तो अधिकारी ऐसा प्रशिक्षण और अनुदेश प्राप्त करें तथा ऐसी परीक्षाएं और परीक्षण (हिंदी में परीक्षा सहित) उत्तीर्ण करे।
सभी मामले, जो विशिष्ट रूप से इसमें उपबंधित नहीं हैं, परिवीक्षार्थी समय-समय पर यथा संशोधित भारतीय रेल स्थापना संहिताओं अथवा नियमावलियों के उपबंधों तथा नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा समय समय पर जारी लागू अन्य आदेशों द्वारा शासित होंगे।
अकृत्यिक उन्नयन –
(1) जब कभी राज्य अथवा संयुक्त काडर का भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी केंद्र में वेतन मैट्रिक्स में वेतन स्तर में किसी विशिष्ट श्रेणी में पदस्थापित किया जाता है, जिसके लिए अकृत्यिक उन्नयन लागू हो, तो इस सेवा के सदस्य, जो ऐसी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी से दो वर्ष या उससे अधिक वरिष्ठ है और अभी तक उस विशिष्ट श्रेणी में प्रोन्नत नहीं किया गया है, को केंद्र में उस विशिष्ट श्रेणी में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के पदस्थापन की तारीख से अकृत्यिक आधार पर वही श्रेणी प्रदान की जाएगी।
(2) वेतन मैट्रिक्स में विशिष्ट स्तर के उन्नयन के लिए बेचमार्क सहित सभी विहित पात्रता मानदंड और प्रोन्नयन मानकों को वेतन मैट्रिक्स में उच्च स्तर प्रदान करने के लिए छानबीन करते समय पूरा करना होगा।
(3) अकृत्यिक उन्नयन, अनुसूची || यथा विनिर्दिष्ट विभागीय छानवीन समिति की सिफारिशों पर प्रदान किया जाएगा।
(4) अकृत्यिक उन्नयन प्रदान करने की निबंधन और शर्तें सरकार द्वारा उक्त विषय पर समय-समय पर जारी अनुदेशों अथवा आदेशों के अनुसार होंगे।
सेवा की अन्य शर्तें.
ऐसे विषयों की बाबत, जिनके लिए इन नियमों में कोई प्रावधान नहीं किया गया है, सेवा के सदस्यों की सेवा शर्ते सरकार द्वारा अन्यथा आदेश दिए जाने तक वही रहेंगी, जो समय-समय पर संगठित समूह ‘क’ केंद्रीय सेवा के अधिकारियों के लिए लागू है।
निरर्हता.
- जिसने ऐसे व्यक्ति से, जिसका पति या जिसकी पत्नी जीवित है, विवाह किया है या विवाह की संविदा की है, जिसने अपने पति या अपनी पत्नी के जीवित रहते हुए किसी व्यक्ति से विवाह किया है या विवाह की संविदा की है.
- सेवा पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा:
- भारत का राजपत्र असाधारण परंतु यदि नियंत्रक प्राधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि ऐसा विवाह ऐसे व्यक्ति और विवाह के अन्य पक्षकार को लागू स्वीय विधि के अधीन अनुज्ञेय है और ऐसा करने के लिए अन्य आधार है, तो वह किसी व्यक्ति को इस नियम के प्रवर्तन से छूट दे सकेगा।
वेतन, छुट्टी और पेंशन का विनियमन –
विभिन्न श्रेणियों के अधिकारियों का वेतन, वेतनवृद्धि, छुट्टी, पेंशन और सेवा की अन्य शर्ते भारतीय रेल स्थापना संहिता जिल्द और जिल्द-1 और भारतीय रेल स्थापना नियमावली या सरकार अथवा नियंत्रण प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी लागू अन्य सुसंगत अनुदेशों के अनुसार विनियमित होंगी।
शिथिल करने की शक्ति
जहां नियंत्रक प्राधिकारी की यह राय है कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहां वह उसके लिए जो है. उन्हें लेखबद्ध करके तथा आयोग से परामर्श करके इन नियमों के किसी उपबंध को किसी वर्ग या प्रवर्ग के व्यक्तियों की बाबत आदेश द्वारा शिथिल कर सकेगा।
व्यावृत्ति –
इन नियमों की कोई बात ऐसे आरक्षणों, आयु-सीमा में छूट और अन्य रियायतों पर प्रभाव नहीं डालेगी, जिनका सरकार द्वारा इस संबंध में समय-समय पर जारी किए गए आदेशों अथवा अनुदेशों के अनुसार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, दिव्यांग जनों, भूतपूर्व सैनिकों और अन्य विशेष प्रवर्ग के व्यक्तियों के लिए उपबंध करना अपेक्षित है।
निर्वाचन
इन नियमों के निर्वाचन से संबंधित यदि कोई प्रश्न उठता है तो आयोग के परामर्श से नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा इसका विनिश्चय किया जाएगा।